टाटा स्टील का कारोबार,जितना देशों(लगभग 160 देश) में चल रहा है उतना देश में “व्हारड• क्षिति लिपि” पहुँच गया है!
2013 में, टाटा स्टील के माध्यम से दुनिया को बताने का प्रयास किया गया है कि “व्हारड• क्षिति लिपि” में वैज्ञानिकता के साथ-साथ आध्यात्मिक भी है!
टाटा स्टील कम्पनी ने वारङ चिति लिपि का रहस्य जान के अपना डायरी मे लिखा कि 👉”वारङ क्षिति” हो लिपि जो वैज्ञानिक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक भी है “👈 इस तरह डायरी में लिखकर टाटा स्टील कम्पनी ने देश में जितना भी उनका कम्पनियां है उन सभी कम्पनी में डायरियों को भेज दी. आदि संस्कृति संस्थान झींकपानी में है जो कि 1954 में स्थापना हुई, एक दिन टाटा स्टील कम्पनी ने हो समाज को चूनौती दिया कि हो समाज में विज्ञान नहीं है करके , उस चुनौती को ओत गुरु कोल लको बोदरा जी ने स्वीकार किया, फिर बोदरा जी ने एक लोहा बनाने के लिए चेलाओं को कह, लोहा को तैयार किया गया उस लोहा को दो टुकड़ा कर दी गई एक लोहा का टुकड़ा अपने पास रखा और एक लोहा तो टाटा कम्पनी को दिया गया गलाने के लिए, लेकिन कम्पनी ने उस लोहा को गला नहीं पाया, और कह कि आपलोग की विज्ञान तो बहुत हार्ड है | पहले आदि संस्कृति संस्थान करके जो संस्थान था बाद में टाटा कम्पनी आदेश अनुसार संस्थान का नाम में विज्ञान शब्द जोड़ दी गई | एनाओ: कजियड कोवा चि जुदि अक्हाड़ा नुमु रे पिटिका षोबोद कपे जुड़ाओ या एन्रेदो ओन्डो: मुसिङ पिटिका सगई रेपे कपाजियो:अ:ए मेतड् कोवा | एनय ते आदि संस्कृति विज्ञान संस्थान झींकापनी मेन्ते सुगड़ उरे यना |
Note – नाअ् जो’ङ ओकोन् लिपि रेयो विज्ञान अन्डो: अध्यात्म मेन: तेय: कजि का अयुमा कना।
मेन्दो अबुव: लिपि रे मेन: मेनो: तना नेया गे रांसा अर गोरोब रेय: कजि दो ।
टाटा स्टील कम्पनी Vs 🌎ओत् गुरु कोल लको बोदरा
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टाटा स्टील कम्पनी ने चैलेंज किया था होॊ” लोगों में विज्ञान नहीं है बोलके, लेकिन बोदरा जी ने दिखा दिया होॊ लोगों का ऐसा विज्ञान” की टाटा स्टील कम्पनी ने हारना पड़ा/
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ओत् गुरु कोल लको बोदरा तेकिङ, “एटे: तुरतुङ अखाड़ा” नुतुम ते सुमं अखाड़ा(संस्थान) किङ बई तियर लेडा/ एन्ते मुसिङ दिलं उलं टाटा स्टील कम्पनी लो’:ते पिटिका (विज्ञान) सगई रेकिङ कपाजी यना, टाटा स्टील कजि केडा चि – अपे होॊ” को रेदो पिटिका (विज्ञान) गे बनो:अ अर बोदरा सयोब कजि केडा-पिटिका बेन नम सनं तन रेदो अलिङ पिटिका लिङ उदुब मरसला बेना, तयोम सयोब के अय: चेला को जगरा को तना चि गपा सेत: सनाम को कपब तुरुब केन्ते बोङ्गाय पे ओन्डो: मेहड (लोहा) सिपुई तेय: बु बईया मेन्ते: मेतड् कोवा/ एन्का गे सनाम चेला को पईटि केडा को अर मेहड” को बई केड तयोम एन मेहड” दो बरिया को बन्डि: केडा , मियड मेहड र: बन्डि: दो टाटा स्टील को एमा:ईया/ अबेना: मेहड गलाव तेय: रे नेन मेहड गलाव केहते उदुबञ बेन , मेन्दो एन मेहड जोका जके ककिङ गलाओ दईयाडा / एन तयोम टाटा स्टील कम्पनी कजि केडा चि अबेन नेन मेहड चेन: लो’: तेबेन बई केडा? एन तयोम सयोब जगरा किङ तना:ए चि अलिङ दो सिम इ:इ लो’: मिसा कते लिङ बई केडा/ तयोम दो टाटा स्टील कजि उरे’ केडा चि अबेन: पिटिका दो एशु Hard गेया अबेन अबेन: अखाड़ा रे पिटिका शब्द ओल मिसय बेन बनरेदो ओन्डो: सोमय को नेन पिटिका रेय: को कपाजियो:अ/ एना मेन्ते “एटे: तुरतुङ अखाड़ा” तई केने’ते तिसिङ बु नेले तन गेया “एटे: तुरतुङ पिटिका अखाड़ा” रे पिटिका चि विज्ञान शब्द जुड़ाओ यना/ अर ना: जो’ङ बु नेल दड़िया एटे: तुरतुङ पिटिका अखाड़ा (आदि संस्कृति विज्ञान संस्थान) जोड़ा पोखर झींकपानी रे मेन: तबु/