Gonoye Dostur
हो समाज गोनो:ए दोस्तुर मरण संस्कार:-
1. प्रत्येक प्राणी, प्रत्येक प्राणी का संस्कारिक अधिकारी है।
2. प्रत्येक मानव, प्रत्येक मानव से संबंध रखता है।
3. खून-रंग का फर्क रखना असभ्यता है।
4. यथा सम्भव शीघ्रता से संस्कार व्यवस्था होना ही सभ्यता का अर्थ रखता है।
5. श्मशान स्थल किसी नियत स्थान पर और अगर गाँव से बाहर हो तो स्वास्थ्य और सभ्यता का निष्कलंक उद्देश्य है।
6. पुरातत्व विभाग के अनुसन्धानिक प्रमाण से संबंधित ‘बोरदा दान’ (श्रद्धांजली) आदि संस्कृति ख्याति का विशेषता रखना संस्कृति को अमरत्व देना है।
7. शव का जंगा-दः (परिष्कार) मृतक आत्मा को संस्कृतिक रूप प्रदान करना अत्युक्ति है।
8. अनावश्यक कफन खर्च पर ध्यान देना भविष्य जीवन पर सहायक होना है।
9. आध्यात्म शांति की स्थापना सिर्फ, तिल-तोपा (दफन) पर और उसकी अशांति शव के जलाने पर होती है।
10. दफन की व्यवस्था सदा उत्तर-दक्षिण होना सहकारिता की भावना रखना है।
11. आध्यात्मिक संबंध रखने वाली रोवड केया (आत्म पुकार) की सिद्धि मानव संस्कृति की समृद्धि है।
12. आदिङ (इष्ट पुजा का स्थान) में आत्म पुकार अध्यात्म संतो का पियुष धारा गर्भ से सम्बंधित है।
13. पंचाइ’ (स्मारक पत्थर) को आदि शासकीय ऐतिहासिक उपयोग का गौरब को जिन्दा रखना हैं।
14. आत्मा शांति एवं पुनर्जन्म की विशेषता पर ‘दुल सुनुम’ (कब्र पर तेल डालना) अनिवार्य है।
15. श्मशान को संवारना भविष्य इतिहास की उज्ज्वल है।
सौजन्य से – कोल रुल
गोनो:ए दोषतुर्र
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“हो”हुदा गोनो:ए दोषतुर्र रे दोड़ा उर के’ते मोणा हुर्र तोपा दनांङे तेय: गे होनांङ बुगिना।चिना चि आबु सोबिन मनवा कोअ: होम्हो रे,कोवा ओन्डो: कुई होम्हो रे एतोम कुटि रे कोवा पे:ए टाइना,कोञे कुटि रे कुई पे: टाइना।(नर शक्ति-नारी शक्ति) (धनात्मक पक्ष-ऋणात्मक पक्ष)
मनवा कोअ: र्षिजोन जोनोम जाते ब्हागितिले तेगे होबाना।नेन ब्हागितिल सोबिन कुई होम्हो रे मेन: ।ब्हागितिल आई अटल,आई दोपा,आई रोंङ ते मेन: ,आइया पिड़ा को रुईहर,षुमिहर,मुगड़ुहर,बुदुहर गुराहर षुकराहर ओन्डो: षुनिहर को सारुबा काना।आई अटल,आई दोपा,आईया रोंङ तनगा-तनगा पाइटिया।नेन आइया रोंङ, आइया पिड़ा को लाई:इ बितर गोरोब रेमेन:
होन रेको सारुबेना।नेन पिड़ा कोगे एन होन: हुजु:तन हुलांङ आ दुकु सुकु,रांसा जिबोन रासिका जिबोन रेय: को ओल अंकाया,नेकोगे होरा उदुबा।
व्हारंङ दाड़े
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व्हारंङ=ब्हागितिल
दाड़े =पे:ए । व्हारंङदाड़े=ब्हातिल रेया पे:ए।
नेन व्हारंङ दाड़े दो,नेन दिषुम रेन सोबिन कोएते मरांङ बोंगा को देशाउलि-जाएरा-सेंगेल-द: -होयो।नेकोअ:
मिड रुप पेड़े:ए गे व्हारंङ दाड़े।एना मेनते नेन व्हारंङ दाड़े चि ब्हागितिल रेय: पे:ए काबु उरुब गो:एया,काबुउरुब तोरो:या,
काबु उरुब मुचेडेया।”हो”समाज रेय: मनातिंङ लेकाते दनांङयान हाम हो आ मोणा उरुब के’रे चिमिन जोका मो:ओ सेनो:आ इमिन जोका अय: रोवा सेनो: आतोमेना।
“हो” समाज रे मनातिंङ मेना अबुआ रोवा का गोजो:आ
होम्हो कोमजोरो:आ ओन्डो: गो:एयानाबु मेनेया।दनांङयान हाम हो’आ मोणा आउरि सोया चबाओ जोंङ अय: रोवा ओल्ल बोलोआ कानो: गे ताइना ।चिना चि ओकोन माईल सुतम ओन्डो: सिरुंङ दुंबु चिरु चारि सायु लो:ओ रोवा बु केया ओल्लेया एन होरा गे रोवा ओल्ल बोलोआ कानो गे ताइना।होम्हो सोया चबायान रेदो रोवा उकुन तेया का:ए नामेया ओन्डो: ओल्ल आतोम रेनाना।इमिता गे अय: रोवा दुलसुनुम जाती निराला केते,बोंगा को त:आ रे साकि ताला गोड़ोम ताला कि ते आदिंङ रेबु बोंगा आदेरिया।आऐरा हाम हो कोलो उपरुम इरि ताइया।
।मेनदो रोवा का गोजो:आ होम्हो बोदोलेना-जोनोमेना,जाई होन,गुंगु होन रे जोनोमे इडि हुराया,बनरेदो युग जोरोंङ हाम हो बोंगा रुप ते होरो जंगिबुआ। सोबिन हो हुदा रेन हागेया को जोहार!
विक्रम देवगम