बिड दिरि: कोल-हो समाज की पहचान, परंपरा और ऐतिहासिक विरासत
Ho Samaj Bid Diri ka itihaas आदिवासी समाज का इतिहास केवल लिखित ग्रंथों में नहीं, बल्कि उनके पत्थरों, परंपराओं और सांस्कृतिक चिह्नों में जीवित रहता आया है। ऐसा ही एक अमिट प्रतीक है — ‘बिड दिरि’, जो कोल-हो समाज की सांस्कृतिक पहचान, ऐतिहासिक स्मृति और सामाजिक संरचना का अहम हिस्सा है। ‘बिड दिरि’ शब्द दो…
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