Ho Bhasha ka samanya parichay
हो भाषा का सामान्य परिचय:-‘हो’ झारखण्ड राज्य की प्रमुख जनजातीय भाषा है। ‘हो’ भाषा हो जनजाति की मातृभाषा है। इसे आदि एवं स्वतंत्र भाषा माना जाता है। हो वस्तुतः एक आदिवासी जाति का नाम है और हो भाषा का नाम हो कजि है। हो कजि का अभिप्राय हुआ हो लोगों की बोली या भाषा। डॉ. ग्रियर्सन ने भी भाषा-सर्वेक्षण में यही मान्यता अभिव्यक्त की है। Ho is the name of tribe, and the language is often called (Ho Kaji) i.e the language of the Hos. The word Ho is indentical with (Hor) and (Horo) the words for (Man) in Santhli and Mundari respectively.
भाषा समाज और संस्कृति का अभिन्न अंग है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती आ रही है। हो भाषा-हो जनजाति की पहचान और अस्मिता का प्रतीक है। पैतृक सम्पत्ति के समान विकास के कालक्रम से ही समाज की सक्षमता, सम्पन्नता और अस्मिता का प्रतीक होने के नाते समाज की प्राणशिखा और धड़कन है। संसार की कोई भी भाषा मानव के लिए ईश्वर प्रदत्त अमूल्य वरदान है। इसमें वह शक्ति विद्यमान है जो अपनों को जोड़ती है। कोई भी भाषा अपने में अनुपयोगी नहीं होती वरन् अज्ञानतावश उसे अनुपयोगी बना दिया जाता है।
झारखण्ड के अनेक जनजातीय भाषाओं में हो भाषा का महत्वपूर्ण स्थान है। यह भाषाई दृष्टि से चौथी बड़ी भाषा है। हो भाषा आग्नेय भाषा परिवार के ऑस्ट्रोएशियाटिक शाखा के पश्चिम कोल मुण्डा उपशाखा के नॉदर्न ग्रुप की खेरवारी कुल की भाषा है। नृतत्वशास्त्रियों के मतानुसार हो भाषा प्रोटोऑस्ट्रेलायड परिवार की भारतीय शाखा से सम्बद्ध है। हेमंत कृत झारखण्ड नामक पुस्तक में यह लिखा गया है कि भाषा की दृष्टि से जनजातियों के दो समूह हैं। जॉर्ज ग्रियर्सन ने झारखण्ड क्षेत्र के जनजातीय भाषाओं को ऑस्ट्रिक और द्राविडियन समूह में बाँटा है। अधिसंख्य जनजातीय भाषाएँ ऑस्ट्रिक समूह में आती है। सिर्फ उराँव जनजाति की कुडुख भाषा और सौरिया पहाड़ियों की “माल्टो” भाषा द्रविड़ समूह की मानी जाती है। शरतचन्द्र राय के अनुसार छोटानागपुर में बसी सभी ऑस्ट्रिक भाषाई समूह की जनजातियों का भारत के उत्तरी भाग से ऐतिहासिक संबंध है। प्रजातीय अध्ययन के अनुसार झारखण्ड क्षेत्र की जनजातियाँ ‘प्रोटोऑस्ट्रोलायड’ प्रजाति मानी जाती है। श्रीलंका की वेद्दा जनजाति और ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासी काफी हदतक मिलते-जुलते हैं। इसी आधार पर झारखण्ड की जनजातीय भाषायी आबादी को प्रोटोऑस्ट्रोलायड प्रजाति की संज्ञा दी गयी है।
स्रोत – हो भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन
Continue…